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लेखनी प्रतियोगिता -24-May-2022

साथी मेरे आओ कभी

बैठें जरा एकांत में

सुनो कभी शांति 
की आवाज को
समझें जरा इस
प्रकृति के अंदाज को

रात में जब पेड़
भी थक जाते हैं
हवाओं के हाथ
उनको थपथपाते हैं

जल का कल-कल
भी मधुर संगीत है
सृष्टि के कण-कण में
अजब सी प्रीत है।


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8 Comments

Shnaya

28-May-2022 12:59 PM

बेहतरीन अभिव्यक्ति

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Anshumandwivedi426

30-May-2022 12:23 AM

हर्षमय धन्यवाद

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Seema Priyadarshini sahay

25-May-2022 01:52 PM

बहुत खूबसूरत

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Anshumandwivedi426

25-May-2022 03:26 PM

सादर धन्यवाद

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Gunjan Kamal

25-May-2022 01:56 AM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌👌

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Anshumandwivedi426

25-May-2022 03:26 PM

सादर धन्यवाद

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